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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Thursday 25 August 2016

साई की शरण ही श्री कृष्ण की शरण है।


साई श्री कृष्ण से भिन्न नहीं हैं। युगपुरुष। योगेश्वर। कर्मयोगी। पथ-प्रदर्शक। सद्गुरु। चमत्कारी। सरल। प्राप्य। तरल। श्री कृष्ण ने लोगों को बदला। साई भी हमें बदल रहे हैं।
श्री कृष्ण ने गीता में कहा भी तो है कि "संत मेरा ही स्वरुप हैं"।

शिर्डीवासी कहते थे, "देव तोच संत। संत तोच देव।" देव ही संत हैं और संत ही देव हैं। जिसने अपनी समस्त वासनाओं का स्वेच्छा से अंत कर लिया हो वही संत है। 'संत संगति संसृति कर अंता।' संत की संगति करने से मोह और भव के बंधनों का अंत हो जाता है।

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