जिनके दर्शन मात्र से नेत्र तर्प्त होते हों, जहा ज्ञान का अविरल प्रबाह होता हो, उनके चरणों मे मस्तक झुकाने से ह्रदय शान्त होता है॥
ॐ साई राम
जिनके दर्शन मात्र से नेत्र तर्प्त होते हों, जहा ज्ञान का अविरल प्रबाह होता हो, उनके चरणों मे मस्तक झुकाने से ह्रदय शान्त होता है॥
ॐ साई राम
केवल गत जन्मों के अनेक शुभ संस्कार एकत्रित होने पर ही बाबा का दर्शन प्राप्त होना सुलभ हो सकता है। यदि आप श्री साई बाबा को दृष्टि भर कर देख लेंगे, तो आपको सम्पूर्ण विश्व ही साईमय दिखलाई पड़ेगा॥
ॐ साई राम
जो मेरा स्मरण करता है, उसका मुझे सदैव ही ध्यान रहता है। मुझे यात्रा के लिए कोई भी साधन - गाड़ी, तांगा या विमान की आवश्यकता नही है। मुझे तो जो प्रेम से पुकारता है, उसके सम्मुख मैं अविलम्ब ही प्रगट हो जाता हूँ॥
ॐ साई राम
"जो प्रेमपूर्वक मेरा नामस्मरण करेगा, मैं उसकी समस्त इच्छायें पूर्ण कर दूंगा। उसकी भक्ति मे उतरोत्तर वृद्धि होगी। जो मेरे चरित्र और कृत्यों का श्रध्दापूर्वक गायन करेगा, उसकी मै हर प्रकार से सदैव सहायता करूंगा।।
ॐ साई राम