एक हल्के से इशारे की ज़रुरत होगी, दिल की कश्ती को किनारे की ज़रुरत होगी, नज़र आएँगे साई तुम्हे उस पल, जब तुम्हे बाबा साई के सहारे की ज़रुरत होगी।।
।।ॐ साई राम।।
एक हल्के से इशारे की ज़रुरत होगी, दिल की कश्ती को किनारे की ज़रुरत होगी, नज़र आएँगे साई तुम्हे उस पल, जब तुम्हे बाबा साई के सहारे की ज़रुरत होगी।।
।।ॐ साई राम।।