जिनके दर्शन मात्र से नेत्र तर्प्त होते हों, जहा ज्ञान का अविरल प्रबाह होता हो, उनके चरणों मे मस्तक झुकाने से ह्रदय शान्त होता है॥
ॐ साई राम
जिनके दर्शन मात्र से नेत्र तर्प्त होते हों, जहा ज्ञान का अविरल प्रबाह होता हो, उनके चरणों मे मस्तक झुकाने से ह्रदय शान्त होता है॥
ॐ साई राम
No comments:
Post a Comment