नहीं जग के सामानों की चाह मुझको बाबा साई, बस अपनी प्रेमाभक्ति का दान दे दो।
हर पल हृदय में साईनाथ करूँ तुम्हारा दर्शन, अपने श्री चरणों में अंकित कर साईनाथ यह वरदान दे दो।।
ॐ साई राम
नहीं जग के सामानों की चाह मुझको बाबा साई, बस अपनी प्रेमाभक्ति का दान दे दो।
हर पल हृदय में साईनाथ करूँ तुम्हारा दर्शन, अपने श्री चरणों में अंकित कर साईनाथ यह वरदान दे दो।।
ॐ साई राम
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