शिर्डी का वो पहला मंज़र याद आता है ,
साईं की पहली नज़र का असर याद आता है,
साईं ने बना के आपने चरणो का दास,
साईं ने रख लिया अंकित को आपने चरणों के पास।।
जब जब हुआ साईं चरणों का स्पर्श,
कपूर की आरती से साईं को मनाऊंगा,
शिर्डी में बसने वालो में आपने नाम अंकित करवाऊंगा।।
साईं से है ये विनती साईं से है ये आस,
रहने दे आपने बच्चे को सदा आपने चरणों के पास।।
ॐ साईं राम
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