जय इश्वर जय साईं दयाल , तू ही जगत का पालनहार
दत्त दिगंबर प्रभु अवतार, तेरे बस में सब संसार
ब्रह्म्च्युत शंकर अवतार, शरणागत का प्राणधार
दर्शन दे दो प्रभु मेरे, मिटा दो चौरासी फेरे
दत्त दिगंबर प्रभु अवतार, तेरे बस में सब संसार
ब्रह्म्च्युत शंकर अवतार, शरणागत का प्राणधार
दर्शन दे दो प्रभु मेरे, मिटा दो चौरासी फेरे
कफनी तेरी इक साया, झोली काँधे लटकाया
नीम तले तू प्रकटगया, फ़कीर बन के तू आया
कलयुग में अवतार लिया, पतित पावन तुने किया
शिर्डी गाँव में वास किया, लोगों के मन लुभा लिया
शिर्डी गाँव में वास किया, लोगों के मन लुभा लिया
चिलम थी शोभा हाथों की, बंसी जैसे मोहन की
दया भरी थी आँखों में, अमृतधारा बातों में
धन्य द्वारका वो माई, समा गएजहाँ साईं
जल जाता है पाप वहां, बाबा की है धुनी जहाँ
भूला भटका मैं अनजान, दे मुझको तेरा वरदान
करुनासिंधु प्रभु मेरे, लाखों बैठे दर पे तेरे
अग्निहोत्री शास्त्री को, चमत्कार तुने दिखलाया
जीवनदान शामा पाया, ज़हर सांप का उतराया
दया भरी थी आँखों में, अमृतधारा बातों में
धन्य द्वारका वो माई, समा गएजहाँ साईं
जल जाता है पाप वहां, बाबा की है धुनी जहाँ
भूला भटका मैं अनजान, दे मुझको तेरा वरदान
करुनासिंधु प्रभु मेरे, लाखों बैठे दर पे तेरे
अग्निहोत्री शास्त्री को, चमत्कार तुने दिखलाया
जीवनदान शामा पाया, ज़हर सांप का उतराया
प्रलयकाल को रोक लिया, भक्तो को भय मुक्त किया
महामारी बेनाम किया, शिर्डी पूरी को बचा लिया
प्रणाम तुझको मेरे ईश, चरणों में तेरे मेरा शीश
मन की आसपूरी करो, भव सागर से पार करो
भक्त भीमाजी था बीमार, कर बैठा था सौ उपचार
धन्य साईं की पवित्र उदी, मिट गयी उसकी क्षय व्याधि
दिखलाया तुने विट्ठल रूप, काका जी को स्वयं स्वरुप
दामू को संतान दिया, मन उसका संतुष्ट किया
कृपानिधि अब कृपा करो, दीनदयालु दया करो
तन मन धन अर्पण तुझको, दे दो साईं सद्दगति प्रभु मुझको
मेधा तुझको ना जाना था, मुस्लिम तुझको माना था
स्वयं तू बन के शिव शंकर बना दिया उसको किंकर
महामारी बेनाम किया, शिर्डी पूरी को बचा लिया
प्रणाम तुझको मेरे ईश, चरणों में तेरे मेरा शीश
मन की आसपूरी करो, भव सागर से पार करो
भक्त भीमाजी था बीमार, कर बैठा था सौ उपचार
धन्य साईं की पवित्र उदी, मिट गयी उसकी क्षय व्याधि
दिखलाया तुने विट्ठल रूप, काका जी को स्वयं स्वरुप
दामू को संतान दिया, मन उसका संतुष्ट किया
कृपानिधि अब कृपा करो, दीनदयालु दया करो
तन मन धन अर्पण तुझको, दे दो साईं सद्दगति प्रभु मुझको
मेधा तुझको ना जाना था, मुस्लिम तुझको माना था
स्वयं तू बन के शिव शंकर बना दिया उसको किंकर
रौशनाई की चिरागों से, तेल के बदले पानी से
जिसने देखा आँखों हाल, हाल हुआउसका बेहाल
जिसने देखा आँखों हाल, हाल हुआउसका बेहाल
चाँद भाई था उलझन में, घोड़े के कारण मन में
साईं ने की ऐसी कृपा, घोड़ा फिर से वह पा सका
श्रद्धा सबुरी मन में रखो, साईं साईं नाम रटो
पूरी होगी मन की आस, कर लो साईं का निज ध्यास
जान के खतरा तात्या का, दान दी अपनी आयु का
ऋण बायजा का चुका दिया, तुने साईं कमाल किया
साईं ने की ऐसी कृपा, घोड़ा फिर से वह पा सका
श्रद्धा सबुरी मन में रखो, साईं साईं नाम रटो
पूरी होगी मन की आस, कर लो साईं का निज ध्यास
जान के खतरा तात्या का, दान दी अपनी आयु का
ऋण बायजा का चुका दिया, तुने साईं कमाल किया
पशु पक्षी पर तेरी लगन, प्यार में तू था उनके मगन
सब पर तेरी रहम नज़र, लेते सब की खुद ही खबर
सब पर तेरी रहम नज़र, लेते सब की खुद ही खबर
शरण में तेरे जो आया, तुने उसको अपनाया
दिए हैं तुने ग्यारह वचन, भक्तों के प्रति लेकर आन
कण कण में तू है भगवान, तेरी लीला शक्ति महान
कैसे करूँ तेरे गुणगान, बुद्धिहीन मैं हूँ नादान
दिए हैं तुने ग्यारह वचन, भक्तों के प्रति लेकर आन
कण कण में तू है भगवान, तेरी लीला शक्ति महान
कैसे करूँ तेरे गुणगान, बुद्धिहीन मैं हूँ नादान
दीन दयालु तू दाता, हम सबका तू है त्राता
कृपा करो अब साईं मेरे, चरणों में ले लो तेरे
कृपा करो अब साईं मेरे, चरणों में ले लो तेरे
सुबह शाम साईं का ध्यान, साईं लीला के गुणगान
दृढ़ भक्ति से जो गायेगा, परम पद को वह पायेगा
दृढ़ भक्ति से जो गायेगा, परम पद को वह पायेगा
हर दिन सुबह और शाम को, गाये साईं बावनी को
साईं देगा उसको साथ, लेकर अपने हाथ में हाथ
साईं देगा उसको साथ, लेकर अपने हाथ में हाथ
अनुभव तृप्ति के ये बोल, शब्द बढे हैं ये अनमोल
यकीं जिसने मान लिया, जीवन उसने सफल किया
यकीं जिसने मान लिया, जीवन उसने सफल किया
साईं शक्ति विराट स्वरुप, मनमोहक साईं का रूप
गौर से देखो तुम भाई, बोलो जय सदगुरु साईं
गौर से देखो तुम भाई, बोलो जय सदगुरु साईं
No comments:
Post a Comment