साई आपकी कृपा से आज सलामत मेरा हाथ है, जिन हाथ से आपको चन्दन लगाया जरूर आपके स्पर्श में बाबा कोई बात है।।
न जाने आज क्या हो जाता बाबा, जरूर आपके प्यार की यह सौगात है, जो सलामत मेरा हाथ है।।
साई आपको ही उस पल मैंने चन्दन से सजाया था और बाबा अपने उपहार स्वरुप मुझे बचाया था।।
तेजाब कर देता है रंग को बाद रंग, साई आपकी उदी ने निखार दिया है मेरा रंग।।
साई, शुक्राना करू तेरा हज़ार विनती है मेरी बारां बार, साई जी हमेशा रखना बरकार अपना ये प्यार, करू मैं विनती बारां बार।।
ॐ साई राम
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