SHRI SACHIDANAND SADGURU SAINATH MAHARAJ KI JAI....
जिनके दर्शन मात्र से नेत्र तर्प्त होते हों, जहा ज्ञान का अविरल प्रबाह होता हो, उनके चरणों मे मस्तक झुकाने से ह्रदय शान्त होता है॥
ॐ साई राम
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