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Friday, 21 November 2014

दरबार में साई के


जिनके दरबार में ना कोई जात है न कोई धर्म, 


न कोई राजा और न कोई रंक॥


जिन्होंने सपने में भी कभी किसी प्राणी को 


कष्ट में नहीं रहने दिया॥


ऐसे गुरु श्री सांईनाथ महाराज के चरणों हम 


बच्चो की तरफ से शत् शत् नमन॥


ॐ साई राम 

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