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Saturday, 15 November 2014

साई मुझे आपने श्री चरणों में अंकित करा लो आपने ह्रदय से लगा लो

साई जब कोई तुम्हारा नाम लेता है, पता नहीं साई मुझे भी कुछ-कुछ होता है। बाबा साई शायद यह तुम्हारा प्यार है, जो मुझे अभी भी शिर्डी बुलाता है, द्वारकामाई मुझे आज भी हँसती और रुलाती है, मुझे पुराने दिनों की याद दिलाती है।

बाबा...! एक बार पुनः अपने पास बिठा लो, अपने श्री चरणों में इस दास को भी अंकित करा लो, बाबा साई  मुझे अपने ह्रदय से लगा लो, साई मुझे अपने चरणों में अंकित करा लो आपने ह्रदय से लगा लो।।

ॐ साई राम

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